रुडकी, मार्च 7 -- रुड़की, कार्यालय संवाददाता। मुकद्दस रमजान के पहले जुमे की नमाज नगर और आसपास के क्षेत्रों में अकीदत के साथ अदा की गई। नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने जुमे की नमाज अदा करा अमन, सलामती और खुशहाली की दुआएं मांगी। इससे पहले मौलाना अजहर उल हक ने मुकद्दस रमजान की मुबारकबाद देते हुए फजीलत और विशेषताओं पर प्रकाश डाला। मौलाना अजहरूल हक ने कहा कि रोजा इबादतों की रूह है और रोजे का सवाब अल्लाह ताला अपने बंदों को खुद देगा। उन्होंने अपने खिताब में कहा कि रमजान के 30 रोजों को तीन असरों (भागों) में बांटा गया है। इसमें पहले असरा रहमतों का, दूसरा असरा मगफिरत का और तीसरा असरा जहन्नुम की आग से छुटकारे पाने का है। उन्होंने अपने खिताब में कहा कि रमजान हमें तमाम बुराइयों से रोकता है और रमजान सब्र, रहमतों और बरकतों वाला महीन...
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