पूर्णिया, मार्च 8 -- बायसी, एक संवाददाता।रमजान के पहले जुमा पर अकीदतमंदों ने जुमे की नवाज अदा की। रमजान के पाक महीना के पहले जुमा पर चर्चा करते हुए मदरसा तनजीमुल मुस्लमिन बायसी के मौलाना हसनैन रजा ने बताया कि माहे रमजान इस्लाम धर्म के पांच अरकानों में रोजा एक हिस्सा है । माह रमजान के बारे में मौलाना रजा ने बताया कि यह रहमतों व बरकतों का माहीना है। माह रहजान के तीस रोजे को तीन आसरा में बांटा गया है। पहला 10 दिन का आसरा रहमत का, दूसरा आसरा मफरत का और तीसरा आसरा जहन्नम से आजाद होने का। मौलाना रजा ने कहा कि इस माह में रहमतों की बारिश होती है। उन्होंने बताया कि केवल भूखे प्यासे रहने से रोजा नहीं होता है बल्कि पूरी तरह नफ्स पर कंट्रोल रखना ही रोजा कहलाता है। मौलाना ने कहा कि इस माह में गलत बात ना बोलें, गलत बात न सुनें, गलत चीज नहीं देखें और न ...