मुरादाबाद, मार्च 10 -- भगतपुर। बंदों पर रहमत की बारिश करने वाला माहे रमजान का पहला अशरा मंगलवार को खत्म हो जाएगा। ग्यारहवें रोजे से दूसरा अशरा शुरू होगा, जिसे मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का अशरा कहा जाता है। इसमें अल्लाह अपने बंदों को खास इनआमात से नवाजता है। बरकाते इस्लाम मदरसा मकसूदिया ग्राम बेलवाड़ा के प्रिंसिपल मुफ्ती मोहम्मद शमशाद रजा नईमी ने बताया कि माहे रमजान में अल्लाह ताला अपने बंदों को रहमतों से जहां मालामाल करता है वहीं उसे गुनाहों से नजात व जहन्नम से आजादी देता है। इसके लिए रमजान को तीन अलग-अलग अशरों (भाग) में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत का है जो रमजान के चांद से शुरू होकर दसवें रोजे तक जारी रहता है। दूसरा अशरा मगफिरत (क्षमा) का है। इस अशरे में इन्सान को अपने रब से गुनाहों की मगफिरत के लिए दुआ करनी चाहिए। इसी तरह आखिरी अशरा ज...
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