पटना, मार्च 16 -- रमजान के पहले जुमे को राजधानी पटना समेत तमाम मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए भीड़ लगी रही। खुदा की बंदगी में रोजेदार लगे रहे। अजान होने के बाद इमामों ने तकरीर में रमजान की अहमियत बताई। अबू बकर मस्जिद के इमाम मौलाना शाजिद ने कहा कि रोजेदार खुशनसीब हैं, जिसके लिए हर रोज जन्नत सजायी जाती हैं। रोजेदार की मगफिरत के लिए दरिया की मछलियां दुआ करती हैं। रोजा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं है बल्कि इंद्रियों पर नियंत्रण का जरिया है। असल रोजा तो वह है जिससे अल्लाह राजी हो जाए। जब हाथ उठे तो भलाई के लिए, कान सुने तो अच्छी बातें, कदम बढ़े तो नेकी के लिए, आंख देखे तो जायज चीजों को। उन्होंने कहा कि रमजान का एहतराम बेहद जरूरी है। पुरुषों ने मस्जिदों में तो महिलाओं ने घरों में नमाज अदा की। इसके बाद कुरानशरीफ की तिलावत की। सभी ने खास इबादतों क...