हल्द्वानी, अक्टूबर 31 -- हल्द्वानी। रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही देशभर में किसान आलू की बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। आलू एक लाभदायक नगदी फसल है, लेकिन बदलते मौसम, रोगों और कीटों के प्रकोप से इसकी पैदावार और गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है। धानुका एग्रीटेक ने किसानों को स्वस्थ और लाभदायक फसल सुनश्चिति करने के लिए वैज्ञानिक फसल प्रबंधन और संरक्षण पद्धतियों को अपनाने की सलाह दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, किसानों को हमेशा प्रमाणित और रोग-मुक्त बीज आलू का उपयोग करना चाहिए। बेहतर अंकुरण के लिए मध्यम आकार के स्वस्थ गांठें चुनना लाभदायक है। क्षेत्र और तापमान के अनुसार, बुवाई का सही समय अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य तक माना जाता है। मिट्टी भुरभुरी, जैविक पदार्थों से भरपूर और जल निकासी युक्त होनी चाहिए। पौधों के बीच 20 से 25 सेंटीमीटर और कतारों ...