जमशेदपुर, मार्च 8 -- जमशेदपुर। बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति को नवजीवन और उल्लास से भर देता है, नवपल्लव से सुसज्जित होकर प्रकृति ने ऋंगारित होकर बसन्त के आगमन का संदेश देती है। वहीं शहर के कला एवं संस्कृति के उद्गम का अनुपम केन्द्र साकची स्थित रबीन्द्र भवन मे प्रकृति- प्रेम के श्रेष्ठ कवि गुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर की रचनाओं को लेकर बसंतोत्सव का आयोजन आज किया गया, जिसमें रबीन्द्र भवन, साकची में संचालित टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट एवं टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट सोनारी शाखा, कदमा शाखा, टेल्को, बारीडीह के लगभग 300 छात्र छात्राओं एवं शिक्षक शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में रबीन्द्र नाथ टैगोर की ऋतुराज बसंत पर आधारित रचनाओं पर संगीत एवं नृत्य का मंचन हुआ, सन्यासी जे जागिलो, ओ चांद तुमार दोला, लावण्य पूर्णो प्राण, फागुनेर नवीन आनन्दे, एकटुकु छोआ लागे,आज खेला भ...