हापुड़, फरवरी 17 -- अपनी शेरो शायरी से राष्ट्रीय स्तर पर खास मुकाम हासिल करने वाले उस्ताद शायर इश्कबादी का निधन होने पर उन्हें पैतृक गांव में सुपुर्दे खाक करने के दौरान हजारों की भीड़ ने गमगीन माहौल में आखिरी विदाई दी। दिल गया दामन गया और होश भी हैं लापता, रफ्ता रफ्ता मैं भी एक दिन लापता हो जाऊंगा गजल के फनकार उस्ताद शाहर डॉ.मुकर्रम अदना इश्काबादी शनिवार की रात को दुनिया से विदा हो गए। मेरठ में रहकर चिकिस्ता कार्य करने वाले उस्ताद शायर काफी अरसे से फेफड़ों की बीमारी से पीडि़त चल रहे थे, जो मेरठ में रहकर चिकित्सा कार्य करते थे। पार्थिव शरीर पैतृक गांव दौताई में लाया गया, जहां उस्ताद शायर का आखिरी दीदार करने को हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। जनाजे की नमाज के बाद शव को कब्रिस्तान में ले जाकर सुपुर्दे खाक कर दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय शायर डॉ.नदीम श...