मुंबई, जून 24 -- मशहूर उद्योगपति रतन टाटा अपनी वसीयत लिख कर गए थे। उनके निधन के बाद उस वसीयत के अनुसार ही संपत्तियों और अन्य चीजों का बंटवारा हुआ था। लेकिन जिन शेयरों के बारे में वह अपनी वसीयत में लिखकर नहीं गए, उनका क्या होगा? यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया है कि रतन टाटा के लिस्टेड और अनलिस्टेड यानी दोनों तरह के शेयरों पर अब मालिकाना हक रतन टाटा एंडाउमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडाउमेंट ट्रस्ट का होगा। जस्टिस मनीष पिटाले की बेंच ने यह फैसला सुनाया। यह मामला रतन टाटा की वसीयत पर फैसले को लेकर था। जस्टिस मनीष पिटाले ने कहा कि रतन टाटा ने अपनी वसीयत में जिन चीजों का जिक्र नहीं किया था, उन पर मालिकाना हक उनकी ओर से स्थापित संस्थानों का होना चाहिए। बेंच ने कहा कि रतन टाटा एंडाउमेंट फाउंडेशन औ...