लखनऊ, मई 12 -- लखनऊ, संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में रविवार को नृत्य कला प्रेमियों का जमावड़ा था। मौका था नृत्य फ्रोलिक डांस एकेडमी के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम 'कलायात्रा 2.0', का। इस मौके पर कथक, ठुमरी सहित नृत्य, गीत, संगीत की कई विधाओं का कलाकारों ने मनमोहक प्रदर्शन किया। एकेडमी की संस्थापिका पल्लवी प्रजापति ने कार्यक्रम का बेहतरीन निर्देशन किया। इसमें चार से 40 वर्ष उम्र तक के कलाकारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरूआत में गणेश वंदना के बाद ठुमरी, मग रोको न रे सावरियां में कलाकारों ने ऐसा रंग जमाया कि लोग देखते ही रह गए। "मोहे रंग दो लाल", "दिल चीज क्या है" और "गरज-गरज" की प्रस्तुतियों ने लोगों को मुग्ध कर दिया। "अलबेला सजन आयो री" और "रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे" जैसी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने लोगों की शाम र...
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