सासाराम, दिसम्बर 22 -- डेहरी, एक संवाददाता। रंगमंच के क्षेत्र में डेहरी शहर का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। इसके पर्याप्त साक्ष्य जिले के कलाकारों ने संजो कर रखे हैं। बात 89 के दशक की करें तो वह दौर ऐसा था, जब देश के कई नामचीन कलाकार यहां आकर अपनी प्रस्तुति देते थे। उस काल से अब तक अभिनव कला संगम का रंगमंच के विकास में बड़ा योगदान रहा है। विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च 1989 में नाट्य कला-संस्कृति को समर्पित संस्था कला संगम की स्थापना हुई थी। बाद में चलकर कला संगम का नाम अभिनव कला संगम हो गया। अब तक इस संस्था ने 25 से ज्यादा नुक्कड़ नाटक तथा 50 से अधिक मंचीय नाटकों की प्रस्तुति कर नाट्य आंदोलन में महती भूमिका अदा की है। अभिनव कला संगम के संयोजक आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि आज भी राज्य ही नहीं देश में रंगमंच की दुनिया में अभिनव कला संगम की स्थित...