शामली, जुलाई 7 -- दस मुहर्रम (यौम-ए-आशूरा) के मौके पर शिया समाज के सोगवारों ने हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 जानिसारों को पूरे जोश एवं श्रद्धा के साथ याद किया। सोगवारों ने ताजियों, अलम और जुलजनाह के भव्य जुलूस निकाले। इस दौरान छुरियों, ब्लेडों व जंजीरों से सीनाजनी करते हुए खूनी मातम किया। या हुसैन की सदाएं भी गूंजती रही। रविवार को दस मुहर्रम के मौके पर नगर के मोहल्ला अंसारियान में स्थित बड़ी इमाम बारगाह में मजलिस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वसी हैदर साकी व हमनवां ने मर्सियाख्वानी की। मौलाना अलीम अख्तर गदीरी ने मजलिस को संबोधित करते हुए हजरत इमाम हुसैन की शहादत पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए खिराज-ए-अकीदत पेश किया। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन ने न केवल दीन-ए-इस्लाम की रक्षा की, बल्कि अपनी कुर्बानी से मानवता के मूल्यों को अमर कर दिया। वह...