प्रयागराज, फरवरी 12 -- प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को मेडिकल रूप से गर्भ को समाप्त करने का अधिकार है। यौन उत्पीड़न के मामले में किसी महिला को गर्भ समाप्त करने से मना करना और उसे मातृत्व की जिम्मेदारी से बांधना उसके सम्मान के साथ जीने के मानवीय अधिकार से वंचित करने के समान होगा। कोर्ट ने कहा कि महिला को मां बनने के लिए हां या ना कहने का अधिकार है। पीड़िता को यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति के बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर करना अकल्पनीय दुखों का कारण होगा। न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने पीड़िता को चिकित्सकीय रूप से गर्भ को समाप्त करने की अनुमति देते हुए यह टिप्पणी की। भदोही की 17 वर्षीय किशोरी की पिता ने संबंधित थाने में नाबालिग बेटी को बहला...
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