प्रयागराज, मार्च 3 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकार युवती के अनचाहे गर्भ को तीन दिन में समाप्त कर करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पीड़िता के भ्रूण के ऊतक और रक्त को साक्ष्य के रूप में संरक्षित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दोनदी रमेश की कोर्ट ने दिया है। याची के अधिवक्ता ने बहस की कि पीड़िता यौन उत्पीड़न का शिकार हुई जिसकी वजह से गर्भवती है। एफआईआर दर्ज कराई गई है। पीड़िता गर्भ को समाप्त करवाना चाहती है। कोर्ट ने कानपुर नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद आई रिपोर्ट में पीड़िता 15 सप्ताह और 2 दिन की गर्भवती पाई गई। इस पर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट व राज्य सरकार के शासनादेश के प्रकाश म...