गढ़वा, जून 6 -- गढ़वा, प्रतिनिधि। गढ़वा को शहरी निकाय का दर्जा वर्ष 2007 में मिला। उसके बाद से शहरी क्षेत्र का विस्तार लगातार होता गया। आमतौर पर शहरी क्षेत्र में आकर गांव के लोग ही बसते गए। कभी पूरा जिला नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था।नक्सलियों का आतंक होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से लोग गांवों से आकर शहर में बसने लगे। शहरी क्षेत्र में बसने वालों में बड़ी आबादी ऐसे ही लोगों की है। नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष अनिता दत्त ने कहा कि योजनबद्ध तरीके से शहर का विकास नहीं हुआ है। जागरूकता के अभाव के बीच नए बसावट बढ़ते गए। उक्त कारण नए इलाकों में जरूरी सुविधाओं की कमी हमेशा रही। हर बारिश में जलजमाव की समस्या पर उन्होंने कहा कि जरूरत के अनुसार नालियों का निर्माण नहीं हुआ। उसके अलावा शहर भी अव्यवस्थित तरीके से बसा है। शहर सही तरीके से विकसित नहीं होने ...
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