बरेली, दिसम्बर 9 -- वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर आंवला सांसद ने सदन में रखी अपनी बात कृषि संकट व प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ठोस रोडमैप की बताई जरूरत बरेली, मुख्य संवाददाता। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर लोकसभा में आंवला के सांसद नीरज मौर्य ने राष्ट्रगीत में वर्णित भारत की समृद्ध कल्पना और मौजूदा चुनौतियों के बीच बड़ा अंतर उजागर किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम में जिस सुजल-सुफल भूमि, मलय पर्वत की शीतल हवाओं और लहलहाती फसलों की जननी का चित्रण किया गया है, आज वही अन्नदाता किसान ऋणों के बोझ से दबा हुआ है। किसान आत्महत्या की घटनाएं मन को झकझोर देती हैं, इसलिए सरकार को कृषि संकट से निपटने के लिए ठोस रोडमैप तैयार करना चाहिए। सांसद मौर्य ने प्राकृतिक आपदाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत में जिन पर्वतों...
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