लखनऊ, नवम्बर 5 -- जिस योजना को योगी सरकार ने पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर संपूर्ण लगाम लगाने, परियोजनाओं की गुणवत्ता व समय पर काम पूरा कराने की मंशा से लागू किया, उसे अब खुद नियोजन विभाग के बड़े अधिकारियों के काकस ने ही ताक पर रख दिया है। जी हां, कैबिनेट से पास हुए 'ईपीसी मिशन' की कार्यशैली से उलट अधिकारी अब मनमाने प्रशासनिक आदेश के जरिये ही मनचाहे ठेकेदारों और कंपनियों को निविदाएं बांट रहे हैं। साठगांठ कर परियोजनाओं की लागत भी 10 फीसदी से अधिक तक बढ़ा कर एक ओर कमीशन की बंदरबांट की जा रही है तो दूसरी ओर सरकारी खजाने को चूना लगाया जा रहा है।ईपीसी मिशन से हुआ करोड़ों का लाभ राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति लागू करने के लिए 'ईपीसी मिशन' यानी इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मिशन को शुरू किया। ...
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