नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जाति आधारित राजनीतिक रैलियों, गाड़ियों पर जाति नाम लिखने और पुलिस रिकॉर्ड में जाति उल्लेख पर लगाए गए प्रतिबंध ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दलों को असमंजस में डाल दिया है। रविवार रात जारी इस आदेश के बाद जहां भाजपा इसे सामाजिक समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं उसके सहयोगी दल निषाद पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और अपना दल इससे असहज महसूस कर रहे हैं। निषाद पार्टी जो मुख्यतः निषाद या मछुआरा समाज पर आधारित है, के अध्यक्ष संजय निषाद ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमेशा से जातियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। अगर जाति नहीं लिखेंगे तो पहचान कैसे होगी?" उन्होंने यहां तक संकेत दिए कि पार्टी इस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। इसी तरह अपना दल क...