अहमदाबाद, फरवरी 12 -- गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा एक महिला कर्मी को HIV-एड्स से संक्रमित होने के कारण उच्च पद पर प्रमोशन (पदोन्नति) नहीं दिए जाने को भेदभाव का स्पष्ट उदाहरण बताया है। मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और जस्टिस प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने CRPF की महिला कर्मी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह टिप्पणी की। महिला कर्मी ने कहा कि सभी मानदंडों को पूरा करने के बावजूद मुझे पदोन्नति नहीं दी जा रही है क्योंकि मैं 'एचआईवी-एड्स' से संक्रमित हूं। अदालत ने निर्देश दिया कि इस मामले को भारत के प्रभारी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के संज्ञान में लाया जाए, साथ ही पीठ ने 6 मार्च को मामले की अगली सुनवाई के मौके पर विधि अधिकारी को भी उपस्थित होने के लिए कहा। इस मामले के प्रतिवादियों यानी भारत संघ, CRP...
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