नई दिल्ली, अगस्त 27 -- देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई ने सीबीआई से जुड़े एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा एक आरोपी की जमानत याचिका पर 43 बार रोक लगाने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। CJI गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मामले में अभियुक्त पहले ही साढ़े तीन साल से ज़्यादा का वक्त हिरासत में बिता चुका है, इसलिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में इस तरह बार-बार जमानत स्थगन स्वीकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने अभियुक्त रामनाथ मिश्रा को जमानत देते हुए कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में अदालतों को अत्यंत शीघ्रता से विचार करना चाहिए। सीजेआई ने मामले में कहा, "हमने बार-बार यह टिप्पणी की है कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों पर अदालतों द्वारा अत्यंत शीघ्रता से विचार कि...