हमीरपुर, नवम्बर 11 -- हमीरपुर/महोबा, संवाददाता। ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को चौकस बनाने की नीयत से खोली गई पुलिस चौकियों में दिन में तो दरोगा जी के कदम रुकते ही नहीं है वहीं रात होते ही चौकियों में ताला बंद हो जाता है। फरियादी भी चौकी की जगह पहले थानों का ही रुख करते हैं। सर्दी की दस्तक के साथ ही चोरी, छिनैती जैसी घटनाएं बढ़ने लगी हैं। ऐसे में सुदूर इलाके की चौकियों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। लेकिन यहां तो हालात उल्टे हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' ने रात में हमीरपुर और महोबा जिले की पुलिस चौकियों की पड़ताल की गई तो राठ कस्बे की चार चौकियों में सन्नाटा मिला। सुमेरपुर ब्लाक के इंगोहटा में तीन दशक पूर्व ताबड़तोड़ अपराधों के साथ गांव में पार्टी बंदी के मद्देनजर पुलिस चौकी खोली गई थी। इसे अति संवेदनशील पुलिस चौकी...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.