लखनऊ, नवम्बर 19 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी सरकार के अधिकारियों की लापरवाही व असहयोग पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारी असहयोग की प्रवृत्ति अपना रहे हैं। इससे कोर्ट का कीमती समय नष्ट होता है और वर्षों से लंबित प्रकरणों में अनावश्यक देरी होती है। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने राज्य सरकार पर 15 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है, वहीं केंद्र सरकार के अधिवक्ता के उपस्थित न होने व जवाब न दाखिल करने पर, उस पर भी 15 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने नैतिक पार्टी की ओर से वर्ष 2014 में दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में किशोरावस्था शिक्षा कार्यक्रम का मुद्दा उठाया गया है। न्यायालय ने कहा कि 2 अगस्त 2024 को पारित आदेश के बाद दायर ...