बलिया। शिवसागर पांडेय, जून 27 -- आज से लगभग 27 वर्ष पहले 1998 में घाघरा (सरयू) में आई बाढ़ के चलते कटान से रेवती ब्लाक का रामपुर मशरीक गांव पूरी तरह नदी में विलीन हो गया। यहां के लोग टीएस बंधे के दक्षिण छपरासारीव और आसपास के कुछ अन्य गांवों में बस गए। धरातल पर अपना अस्तित्व खो चुका रामपुर मशरीक गांव सरकारी रिकॉर्ड में आज भी 'जिंदा' है। बकायदा इसी पंचायत के नाम पर ग्राम प्रधान चुने जा रहे हैं और सरकारी धन का आवंटन तथा खर्च भी हो रहा है। यह भी पढ़ें- यूपी में 4.5 हजार से अधिक ग्राम पंचायत वार्ड घटेंगे, अब वार्डों का पुर्नगठन शुरू 1998 में जब रामपुर मशरीक गांव नदी में विलीन हो गया तो करीब एक हजार से अधिक मतदाता और तीन हजार के आसपास की आबादी वाले इस गांव के लोग छपरा सारीव में आकर बस गए। ग्रामीणों के अनुसार, गांव खत्म होने के बाद भी 2001 तथा व...