लखनऊ, मई 2 -- यूपी में बिजली कर्मियों को बड़ा झटका लगा है। फेशियल अटेंडेंस न दर्ज करवाने वाले 2000 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों का अप्रैल का वेतन रोकने के आदेश मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने जारी कर दिए हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आदेश पर ऐतराज जताया है। शुक्रवार से निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का क्रमिक अनशन शक्ति भवन पर शुरू हो गया। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी चल रही है। इसके अतिरिक्त 2000 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों का वेतन रोके जाने के भी आदेश भी जारी हो गया है, जिससे बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने आदेश को तानाशाहीपूर्ण बताते हुए हटाए गए सभी संविदा कर्मचारियों को फिर से नौकरी में लिए जाने और रुके वेतन के भुगतान करने की मांग की है। उन्होंन...