संजोग मिश्र, मार्च 14 -- उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाने के लक्ष्य के विपरीत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में परंपरागत पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई। आश्चर्य की बात है कि प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की संख्या बढ़ने के बावजूद तकरीबन डेढ़ लाख विद्यार्थियों की कमी दर्ज की गई है। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से विधानसभा में प्रस्तुत आय-व्ययक रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में परंपरागत पाठ्यक्रमों में 53,28,969 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत थे जबकि 2023-24 सत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 54,76,441 थी। स्पष्ट है कि छात्रसंख्या में पिछले सत्र की तुलना में 1,47,472 की कमी आई है। 2023-24 में निजी महाविद्यालयों की संख्या 7924 थी जो 2024-25 में बढ़कर 7984 हो गई। 2023-24 में निजी विश्वविद्यालयों की संख्य...