वरिष्ठ संवाददाता, मार्च 18 -- यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रांसजेंडरों को किस श्रेणी का आरक्षण दिया जाए, इस पर शासन स्तर पर मंथन जारी है। नतीजा न निकलता देख समाज कल्याण विभाग इस संबंध में उच्च स्तर से दिशा-निर्देश लेने के लिए विचार कर रहा है। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को आरक्षण देने के आदेश दिए हैं। उन्हें किस श्रेणी में रख जाए, इस पर विचार हो रहा है। वजह है कि अलग अलग राज्यों ने इस संबंध में अलग व्यवस्थाएं कर रखी हैं। मसलन कर्नाटक ने एक प्रतिशत अलग आरक्षण दिया है जबकि राजस्थान ने ओबीसी आरक्षण में ही इन्हें जगह दी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी कुछ मामले आए हैं जिनमें ट्रांसजेंडरों के पास उस जाति के प्रमाणपत्र हैं, जिनमें वे पैदा हुए। ऐसे में प्रदेश में एक समान व्यवस्था क्या बनाई जाए इस पर ...