लखनऊ, अगस्त 12 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश में कूड़ा प्रबंधन नीति तैयार करने में देरी कर दी गई। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 की अधिसूचना अप्रैल में जारी की गई। नियमत: एक साल के अंदर इसे तैयार कर लिया जाना चाहिए, लेकिन जून 2018 में इसे तैयार किया गया। विधानमंडल में मंगलवार को रखी गई भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई गई है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में पाया गया है कि 45 निकायों में मात्र तीन ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना तैयार की। इनमें से मात्र 12 में उपविधि बनाई गई। उपविधियों में एकरूपता का अभाव मिला है। निकायों द्वारा इसके लिए दिए गए आंकड़ों में भी खामियां पाई गई हैं। नीति के आधार पर कूड़ा बीनने वालों के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया और न ही उनके पंजीकरण की योजना श...