वरिष्ठ संवाददाता, मार्च 24 -- यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बेहद सुस्त चाल से चल रहा है। कॉपियां जांचने को शिक्षकों की कमी हो गई है। मूल्यांकन का प्रशिक्षण लेने में ही 70 फीसदी शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। 35 फीसदी शिक्षक अभी तक नदारद हैं। नए परीक्षक बनाने की प्रक्रिया जटिल हो जाने से अफसरों की चिंता बढ़ गई है। कानपुर में छह केंद्रों पर 7 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 2 अप्रैल तक पूरा करना है। 18 मार्च को प्रशिक्षण के बाद 19 मार्च से मूल्यांकन का काम शुरू हो गया। इसके लिए कुल 3551 परीक्षक बनाए गए हैं, जिसमें से 330 उप-प्रधान परीक्षक हैं। जिन्हें परीक्षक बनाया गया है, उनमें ज्यादातर अनुदानित कॉलेजों के शिक्षक हैं। इनमें अब तक केवल 2297 शिक्षक ही आए हैं। इंटर कॉलेज चुन्नीगंज, हरजिंदर नगर इंटर कॉले...