लखनऊ, अगस्त 26 -- यूपी भाजपा में सब ठीक नहीं है। पार्टी असहज है। असहज करने वाले बाहरी नहीं, अपने हैं। ऐसा पूरब से पश्चिम तक है। पाले खिंचे हैं। टकराव है। मोर्चेबंदी है। घर की रार, सड़क पर आ गई है। कहीं जनप्रतिनिधियों में तो कहीं संगठन से भिड़ंत है। पश्चिम में मुजफ्फरनगर से लेकर अलीगढ़, आगरा तक गर्माहट है। कानपुर देहात से उठी चिंगारी मिश्रिख तक पहुंच चुकी है। देवरिया हाल ही में गर्माया था। गोंडा का तापमान तो लगातार बढ़ा हुआ है। इससे किरकिरी हो रही है। विरोधी मजा ले रहे हैं। क्षत्रपों में टकराव होते रहे हैं। मगर भाजपा में इधर इसकी भरमार है। टकराव यहां भी हुए हैं। खेमेबंदी भी हुईं। पर बीते कुछ समय से ऐसा कुछ ज्यादा हो रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद तो यह सिलसिला लगातार बढ़ा है। चुनाव के बीच और उसके बाद मुजफ्फरनगर में केंद्रीय मंत्री संज...