मुख्य संवाददाता, अक्टूबर 24 -- मेरठ-सहारनपुर से लेकर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 17 नगर निगमों में अरबों रुपये पड़े हैं। यह खर्च नहीं हुए हैं। शासन को इन अरबों रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सका है। अब साल के अंत तक इन पैसों को खर्च करना होगा, अन्यथा आगे के पैसों में कटौती हो सकती है। माना जा रहा है कि साल के बचे हुए महीनों में इस धनराशि से शहरों में विकास के कामों में तेजी देखने को मिलेगी। नगर निकाय निदेशालय के स्तर पर नगर निगमों में पड़े रुपयों को लेकर सितंबर महीने तक की रिपोर्ट तैयार की गई है। पाया गया है कि 33 अरब 32 करोड़ 96 लाख रुपये खर्च होने हैं। यह पैसा केंद्रीय वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और अवस्थापना निधि का है। इसे खर्च कर नगर निगमों को उपयोगिता प्रमाण पत्र भी देना है। सबसे अधिक 21 अरब 43 करोड़ 11 लाख रुपये केंद...