बरेली, अक्टूबर 27 -- Hindustan Special: गरीबी अक्सर बच्चों की पढ़ाई के रास्ते में दीवार बन जाती है, खासकर बेटियों के लिए। सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ तक की पढ़ाई तो मुफ्त है, लेकिन नौवीं में पहुंचते ही फीस, कॉपी-किताब और ड्रेस का बोझ कई अभिभावकों को बेटियों की पढ़ाई छुड़वाने पर मजबूर कर देता है। ऐसे हालात में बरेली के एक शिक्षक मोहम्मद हसन ने मिसाल पेश की है। उन्होंने ठान लिया है कि किसी भी बेटी की पढ़ाई पैसों की कमी से नहीं रुकेगी। दमखोदा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मुड़िया जागीर के हेडमास्टर मोहम्मद हसन अपने खर्चे पर निर्धन छात्राओं की आगे की पढ़ाई का पूरा जिम्मा उठाते हैं। वह न सिर्फ फीस भरते हैं, बल्कि ड्रेस, कॉपी-किताबों से लेकर एडमिशन तक का पूरा इंतजाम खुद करते हैं। अब तक सैकड़ों छात्राओं की इंटर तक की पढ़ाई पूरी करवा चुके हैं, ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.