विधि संवाददाता, नवम्बर 5 -- यूपी की राजधानी लखनऊ में एक वकील को फर्जी सबूत में फंसाने के आरोप में सजा सुनाई गई है। अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने वकील परमानंद गुप्ता को 12 साल की जेल और 45 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। परमानंद पर अनुसूचित जाति की महिला (पूजा रावत) का सहारा लेकर विरोधियों के विरुद्ध दुराचार समेत अन्य आरोपों के फर्जी मुकदमे दर्ज कराने का आरोप सिद्ध हुआ है। इसी अदालत ने इसके पहले एक अन्य मामले में आरोपी अधिवक्ता परमानंद गुप्ता को 19 अगस्त 2025 को उम्र कैद की सजा के साथ 5 लाख 1 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया था। मौजूदा मामला भी थाना चिनहट से संबंधित है। इसके अनुसार पूजा रावत ने न्यायालय के समक्ष आरोपी अधिवक्ता परमानंद गुप्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र देकर अपने व...