आगरा, नवम्बर 9 -- ताजनगरी के विख्यात सर्जन डॉ.एचएस असोपा की सर्जरी प्रदेश स्तरीय कांफ्रेंस में छाई रही। एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (यूपी) के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर में हुए गोल्डन जुबली समारोह में तकनीकी के साथ उनके जीवन दर्शन पर भी चर्चा की गई। रविवार को खत्म हुए तीन दिनी समारोह में पहली बार डॉ.असोपा ओरिएशन आयोजित किया गया। 2027 में एसोसिएशन के अध्यक्ष बनने जा रहे डॉ.अमित श्रीवास्तव ने डॉ.असोपा तकनीकी के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों के मूत्रमार्ग का रास्ता टेढ़े होने की जन्मजात विकृति हाइपोस्पेडियास की सर्जरी के लिए यह तकनीकी विकसित की थी। यह तकनीकी जून 1971 में 'इंटरनेशनल सर्जरी' पत्रिका में प्रकाशित हुई। इसके बाद असोपा ऑपरेशन 1984 में प्रकाशित हुआ। इस परिष्कृत संस्करण में फोरस्किन ट्यूब का उपयोग किया गया है। असोपा ...