नई दिल्ली, नवम्बर 8 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वह किसी विश्वविद्यालय को नया काउंसलिंग राउंड आयोजित करने का आदेश नहीं दे सकती, भले ही कुछ सीटें खाली रह गई हों। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रवेश प्रक्रिया को एक निश्चित समय पर समाप्त होना चाहिए। इसे अनिश्चित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता। मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने यह टिप्पणी उस याचिका पर की, जिसमें एक अभ्यर्थी ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को एलएलबी कोर्स में एडमिशन के लिए स्पॉट पांचवे राउंड की काउंसलिंग कराने का निर्देश देने की मांग की थी। अभ्यर्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी से है। उसने आरोप लगाया कि डीयू ने स्पॉट चौथे राउंड (12 सितंबर को समाप्त) के बाद 98 सीटों की स्थिति जानबूझकर छिपाई। उनमें से कई सीटें अब भी खाली है...