नई दिल्ली, अक्टूबर 24 -- दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़की का अपहरण करने और उससे जबरन शादी करने के आरोपी व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि उसने पीड़िता को बहकाया था। साथ ही अदालत ने कहा कि पीड़िता के बयान से अभियोजन पक्ष द्वारा IPC की धारा 363 के तहत लगाए आरोपों को भी करारा झटका लगा है, जिसमें उन्होंने युवक पर नाबालिग लड़की की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। आरोपी शिवराज सिंह सुदामा पर यह आरोप था कि उसने 14 अगस्त, 2021 को जैतपुर से एक लड़की का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था। इस मामले में 17 अक्टूबर को दिए एक आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश लवलीन ने कहा कि 16 साल की पीड़िता के बयान से भी यह बात साबित होती है कि उसने घर छोड़ने से पहले आरोपी से शादी की थी और आरोपी ने उसे अपने साथ जाने के लिए उकसा...