नई दिल्ली, दिसम्बर 20 -- हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का विशेष महत्व है। पंचांग हमें दिन की ग्रह-नक्षत्र स्थिति, शुभ-अशुभ मुहूर्त और विभिन्न कालों की जानकारी देता है। जब हम किसी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करना या महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलते हैं, तो पंचांग देखना आवश्यक माना जाता है। विशेष रूप से तीन चीजें - राहुकाल, गुलिक काल और दिशा शूल को अवश्य जांचना चाहिए। इनसे बचकर कार्य करने पर सफलता की संभावना बढ़ जाती है और बाधाएं कम होती हैं। इस लेख में हम इन तीनों के बारे में विस्तार से जानेंगे।राहुकाल: सबसे प्रमुख अशुभ काल राहुकाल वह समयावधि है जिसे ज्योतिष में अत्यंत अशुभ माना जाता है। यह राहु ग्रह के प्रभाव से जुड़ा होता है, जो एक छाया ग्रह है और पापी ग्रहों में गिना जाता है। राहुकाल में कोई भी नया शुभ कार्य...
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