नई दिल्ली, जून 20 -- Supreme Court News: भ्रष्टाचारी अधिकारी को फिर से ड्यूटी ज्वॉइन करने की अनुमति मिलनी चाहिए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहाकि भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए गए सरकारी अधिकारी को जब तक बरी नहीं किया जाता, उसे फिर से सेवा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने आगे कहाकि भ्रष्ट अधिकारी को फिर से ड्यूटी ज्वॉइन करने की इजाजत देना आम जनता के भरोसे को तोड़ना है। सुप्रीम कोर्ट घूसखोरी के केस में सजा पाए एक रेलवे इंस्पेक्टर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। शीर्ष अदालत ने पूछा सवालसुप्रीम कोर्ट ने रेलवे इंस्पेक्टर की याचिका निरस्त करते हुए कुछ सवाल उठाए। बेंच ने पूछा कि एक भ्रष्ट अधिकारी को नौकरी पर बहाली की अनुमति क्यों मिलन...
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