उरई, अक्टूबर 23 -- कालपी। यम द्वितीया नगर व क्षेत्र में आस्था और विश्वास के साथ मनाई गई। इस दौरान लोगों ने परम्परा के अनुसार यमुना स्नान कर पूजा अर्चना की तो भाईयो ने अपने भाईयो का तिलक कर उनके दीर्घायु होने की कामना की। कार्तिक मास की अमावस्या के बाद आने वाली द्वितीया को यम द्वितीया कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि यमुना यमराज की बहन है और यह तिथि उनके प्रेम और स्नेह पर आधारित है। पौराणिक कथा के अनुसार, यमुना ने एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज को अपने घर बुलाकर उनका आदर-सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि आज के दिन जो भी बहन अपने भाई को टीका लगाएगी और उसके हाथ का भोजन करेगी, उसे यम का भय नहीं रहेगा और तभी से इस तिथि को यमुना स्नान करने का महत्व है और बहिने भी भाईयो की लम्बी उम्र की...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.