नई दिल्ली, मार्च 1 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के 16 औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रीटमेंट यूनिट न होने पर हैरानी जताई। उच्च न्यायालय ने कहा कि यमुना नदी में बिना ट्रीटमेंट के अपशिष्ट पदार्थ खुलेआम बह रहे हैं। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह एवं न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर और अत्यंत खराब है, जो दिल्ली के सभी 33 औद्योगिक क्षेत्रों में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगाने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। पीठ ने कहा कि वास्तव में दिल्ली के 16 औद्योगिक क्षेत्रों में कोई सीईटीपी नहीं है। यह कम से कम कहने के लिए एक चौंकाने वाला खुलासा है। इन 16 क्षेत्रों में अपशिष्ट पदार्थ बिना किसी ट्रीटमेंट के खुलेआम बह रहे हैं। पीठ ने कहा कि स्थिति काफी गंभीर और दयनीय है। इसलिए यह पीठ इस सवाल पर ...