गुड़गांव, अप्रैल 11 -- गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। यमुना प्रदूषण को कम करने के लिए तीन सेक्टरों में तीन सीईटीपी (सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र) तैयार किए जाएंगे। इस संयंत्र के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र से निकल रहे केमिकलयुक्त पानी को शोधित किया जा सकेगा। जीएमडीए और एचएसआईआईडीसी ने सेक्टर-18, 34 और 37 में सीईटीपी तैयार करने की योजना बनाई है। इनमें एक सीईटीपी सेक्टर-34 में जीएमडीए की तरफ से तैयार किया जाएगा। इसकी क्षमता करीब 20 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) की होगी। सेक्टर-34 और बहरामपुर में कई फैक्ट्रियों में कपड़ों की रंगाई का काम होता है। इसमें केमिकल का इस्तेमाल होता है। इससे निकलने वाले पानी को सीवर शोधन संयंत्र शोधित करने में नाकाफी होता है। ऐसे में इसे शोधित करने के लिए सीईटीपी का निर्माण करने की योजना बनाई है। जीएमडीए की तरफ से ...
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