नई दिल्ली, मार्च 25 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि 'यदि राजधानी स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया नहीं कराया जाता है, तो वह एम्स से इसे अपने अधीन करने को कहेगा। शीर्ष अदालत ने अस्पताल को भूमि आवंटन की शर्तों के कथित उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए यह टिप्पणी की। भूमि आवंटन की शर्तों के तहत इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईएमसीएल) यानी अपोलो अस्पताल को एक तिहाई भर्ती मरीज के मामले में एक तिहाई बेड और 40 फीसदी ओपीडी मरीजों को बिना किसी भेदभाव के मुफ्त चिकित्सा और अन्य सुविधाएं मुहैया करना था। जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ‌सुनवाई के दौरान 'यदि हमें पता चलता है कि गरीबों को मुफ्त इलाज मुहैया नहीं कराया जा रहा है, तो हम अपोलो अस्पत...