पूर्णिया, जून 1 -- पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। भूमि विवादों को लेकर चर्चित पूर्णिया जिला एक बार फिर म्यूटेशन प्रक्रिया को लेकर सुर्खियों में है। सरकार द्वारा म्यूटेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन और सरल बनाने के प्रयासों के बावजूद जिले में आवेदनकर्ता अब भी महीनों तक जमीन का खारिज दाखिल (म्यूटेशन) कराने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। सरकार ने म्यूटेशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा शुरू की थी। इसके तहत जमीन खरीदने के बाद निर्धारित समयसीमा में खारिज दाखिल की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। आवेदकों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद उनके मामले राजस्व कर्मचारी के लॉगिन में महीनों तक अटके रहते हैं। बिना 'पहुँच' या 'सिफारिश' के आवेदन क...
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