मऊ, अक्टूबर 29 -- मऊ, संवाददाता। त्योहारों की रौनक के बाद अब खेतों में मेहनत की गूंज सुनाई दे रही है। पक रही धान की फसल को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के लिए किसान सुबह से शाम तक कटाई-मड़ाई में जुटे हैं। परंपरागत हसिया से लेकर आधुनिक हार्वेस्टर तक, हर तरीका अपनाया जा रहा है, लेकिन आसमान में छाए बादलों और रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बेमौसम बारिश की आशंका के चलते खेतों में मशीनों की रफ्तार तेज हो गई है, ताकि महीनों की मेहनत पर पानी न फिर जाए। खेतों में सुबह से शाम तक किसानों और मजदूरों की चहल-पहल बढ़ गई है। वहीं बंगाल की खाड़ी में उठे मोंथा साइक्लोन को लेकर किसानों में जो शंका बूंदाबांदी कि रही वह मंगलवार के बाद बुधवार को भी जारी रही। पूरे दिन सूर्यदेव ने दर्शन नही दिए और बूंदाबांदी रुक-रुककर होती रही। इससे हल्की...