सिद्धार्थ, जुलाई 23 -- सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम सावन का महीना चल रहा है लेकिन आसमान साफ और धरती प्यासी है। उमस और गर्मी ने आमजन की हालत खराब कर दी है। वहीं खेतों में रोपी गई धान की फसलें सूखने लगी हैं। इससे किसानों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही है। उम्मीदें बारिश पर टिकी हैं, लेकिन बादल आते-जाते दिख रहे हैं, बरस नहीं रहे। तराई के आंगन में इस बार अब तक सामान्य से बेहद कम बारिश हुई है। खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं। धान की रोपाई अधर में है और जो धान की फसलें पहले से रोपी जा चुकी थीं उनका सूखना शुरू हो गया है। किसान दिन-रात खेतों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। बारिश नहीं हुई तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। गांवों में किसानों की बातचीत का विषय सिर्फ मौसम ही है। हर कोई आसमान की तरफ देखता है, लेकिन मायूसी हाथ लगत...