नई दिल्ली, अप्रैल 30 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए डिजिटल एक्सेस को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार घोषित किया है। इसी के साथ शीर्ष अदालत ने एसिड अटैक पीड़ितों तथा दृष्टिबाधित लोगों के लिए 'नो योर कस्टमर' (KYC) प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ ने इस विषय पर दाखिल दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया।क्या कहा कोर्ट ने? बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि डिजिटल प्रक्रियाएं, खासकर KYC जैसी अनिवार्य प्रक्रियाएं, सभी के लिए सुलभ हों, फिर चाहे वह वह एसिड अटैक पीड़ित हों, या ऐसे लोग हों जिनका किसी अन्य वजह से चेहरा बिगड़ चुका हो या फिर दृष्टिहीन...
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