मिर्जापुर, जुलाई 1 -- मिर्जापुर, संवाददाता। मोहर्रम की तीसरी तारीख को रविवार की शाम नौ बजे नगर के रामबाग स्थित कुरैश नगर से अली असगर अलैहिस्सलाम की याद में झूले का जूलूस निकाला। अली असगर का झूला देख हर आंखों से आंसू छलक पड़े। चारों तरफ या हुसैन, या हुसैन की सदाएं बुलंद होती रहीं। झूले का बोसा लेने के लिए अकीदत मंदों की भीड़ उमड़ पड़ी। अजादार इमाम हुसैन के छह महीने के मासूम बेटे अली असगर के गम में डूबे रहे। कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन के मासूम बेटे की कुर्बानी दिल दहला देने वाली है। वो कैसे मुसलमान थे, जिन्होंने पानी पिलाने की बजाय छह महीने के बच्चे का कत्ल करना गवारा किया। 10 मोहर्रम को जब सय्यदे सज्जाद के अलावा इमाम तन्हा मैदान में थे, तो खैमों से रोने की आवाजें सुन कर वहां तशरीफ लाए। पता चला कि इमाम की हलमिन की सदा सुन कर हजरत अली असगर न...