नई दिल्ली।, सितम्बर 4 -- कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज की खूब चर्चा रही। मरकज से जुड़े लोगों पर कोरोना वायरस के प्रसार के आरोप लगे। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया। इस मामले में पांच साल बाद भी दिल्ली पुलिस की जांच जारी है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के वर्तमान जांच अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें कहा गया है कि मौलाना मोहम्मद साद कंधालवी के लैपटॉप से मिले भाषणों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया। आपको बता दें कि 31 मार्च 2020 को हजरत निजामुद्दीन थाने के तत्कालीन SHO की शिकायत पर मौलाना साद और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि 21 मार्च 2020 को व्हाट्सऐप पर एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें मौलाना साद कथित तौर पर अपने...