लखनऊ, अप्रैल 29 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता तंज़ीमुल मकातिब हॉल में देश के दो मशहूर आलिमे-दीन अल्लामा जीशान हैदर जवादी और रईसुल वाइजीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैन की याद में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मौलवी नकी अब्बास की तिलावत-ए-कुरआन से हुई। मौलाना कल्बे जवाद और सैयद हमीदुल हसन उम्मीदी नजामिया ने दोनों बुज़ुर्गों की तलब-ए-इल्मी (विद्यार्थी जीवन) पर विस्तार से प्रकाश डाला। तंजीमुल मकातिब के सचिव मौलाना सैयद सफी हैदर ने अल्लामा जवादी और मौलाना कर्रार हुसैन की जिंदगी और सेवाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि अल्लामा ज़ीशान हैदर जवादी तंजीमुल मकातिब के सदर (अध्यक्ष) और मौलाना कर्रार हुसैन नायब सदर (उपाध्यक्ष) रहे हैं। मौलाना काजिम मेहदी उरूज ने दोनों आलिमों की इल्मी (शैक्षणिक) और फलाही (सामाजिक) सेवाओं पर विस्तार से रोशनी डाल...