राजेंद्र सिंह महाकुम्भ नगर, जनवरी 29 -- वृष राशि गते जीवे मकरे चंद्र भास्करौ, अमावस्या तदा योग: कुम्भख्यस्तीर्थ नायके। इस श्लोक से मौनी अमावस्या का महात्म्य समझाते हुए शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कहते हैं कि जब सूर्य चंद्रमा मकर, गुरु वृष राशि पर हों और अमावस्या की तिथि हो तो तीर्थराज प्रयाग में कुम्भ का योग होता है। कुम्भ योग में मौनी अमावस्या ही प्रमुख पर्व है। मौन स्नान के माहात्म्य पर प्रस्तुत है शंकराचार्यों के विचार- गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती कहते हैं कि यह पर्व संयम का द्योतक है। मौनी अमावस्या के विशेष पर्व काल में स्नान करने पर विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। तीर्थराज प्रयाग में कल्पवास का तो महत्व है ही मौनी अमावस्या पर मौन स्नान करने पर ईश्वर भक्ति से जीवन तृप...