प्रयागराज, दिसम्बर 7 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक की मृत्यु के एक साल बाद उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही और बर्खास्त करने पर हैरानी जताई है। कोर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा। उन राज्य शिक्षा अधिकारियों के रवैये पर हैरानी जताई, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण सहायक अध्यापक की मौत के एक साल से ज़्यादा समय बाद उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की। कोर्ट ने कहा कि मृत व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू नहीं की जा सकती। दिवंगत अध्यापक की पत्नी प्रीति सक्सेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने यूपी के बेसिक शिक्षा निदेशक को एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। जिसमें यह बताने का निर्देश दिया है कि उन्होंने कानून के किन प्रावधानों के तहत एक मृत कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर...