लखनऊ, मई 23 -- निदेशक जनगणना एवं संयुक्त महारजिस्ट्रार (नागरिक पंजीकरण प्रणाली) शीतल वर्मा ने कहा कि मृत्यु के कारणों का चिकित्सकीय प्रमाणन जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (यथा संशोधित 2023) के अंतर्गत किया जाता है। मृतक का अंतिम उपचार करने वाले डॉक्टर के द्वारा बिना शुल्क लिए मृत्यु के कारण को निर्धारित प्रारूप पर प्रमाणित किया जाना अनिवार्य है। इसकी एक प्रति मृतक के परिजन को उपलब्ध कराया जाना है। वे शुक्रवार को जनगणना कार्य निदेशालय उत्तर प्रदेश, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा टाटा मेमोरियल सेंटर एवं कैंसर इंस्टीट्यूट मुम्बई के सहयोग से निदेशालय के लखनऊ स्थित सभागार में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में बोल रही थीं। यह प्रमाणन कार्य विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप किया जाता है। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल एवं मेडिक...